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इतिहास
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प्रचलित इतिहास

बाबा घुइसरनाथ धाम का प्रचलित इतिहास


लोकमानस में घुइसरनाथ ज्योतिर्लिंग का एक बिम्ब है | जिसके साथ जुड़ा हुआ है, हमारा सांस्कृतिक अतीत और हमारी अध्यात्मिक चेतना | आदि शंकराचार्य से लेकर स्वामी राम कृष्ण परम हंस, स्वामी विवेकान्द, गोस्वामी तुलसीदास, दयानंद सरस्वती, गुरु नानक आदि के द्वारा भगवान्  शिवलिंग पूजित है | अपनी धार्मिक और अध्यात्मिक विशिष्टता के कारण यह शिवलिंग बाबा घुइसरनाथ धाम नाम से, मानव समाज के प्राण में बस गए है |

महंत, घुइसरनाथ वासियों और किम्वदंतियो के अनुसार घुइसरनाथ बाबा की उत्पत्ति :

* प्राचीन कल में एक यदुवंशी चरवाहा जंगल में रोज जानवर चराने जाता था, वो बहुत ही नास्तिक पुरुष था| एक दिन वह नदी के किनारे जानवरों को पानी पिलाते समय एक पत्थर के ठोकर से लड़खड़ा गया | उस दिन से वह उस पत्थर पर रोज अपनी लाठी से चोट करता | जिस भांति वह पत्थर पर मार रहा था, उसी तरह वो पत्थर बाहर उपर की तरफ निकल रहा था | एक दिन भगवान शंकर ने उसी पत्थर से प्रकट होकर, उस यदुवंशी चरवाहे को दर्शन दिया और उसकी नास्तिकता का नाश किया | धरती में घुसे होने के कारण लिंग रूपी शंकर भगवान को घुइसरनाथ भगवान का नाम दिया गया |

* घुइसरनाथ और देऊम स्थान के बीच की लगभग ३ कम है | बरसो पहले दो भगवानो में होड़ लगी थी कि मै बड़ा हू | घुइसरनाथ, भगवान घुइसरनाथ के वासी थे और बूढ़े धाम, देऊम के | दोनों क़ी लड़ाई काफी दिनों तक चलती रही, एक दिन ऐसा आया जब घुइसरनाथ भगवान ने बूढ़े धाम के लिंग पर वार किया और उनका उपरी हिस्सा गायब हो गया ! आज भी बूढ़े धाम के मंदिर के शिव लिंग का उपरी हिस्सा टुटा हुआ है |

* प्राचीन काल में सुदेवा नाम क़ी एक स्त्री रहती थी | उसकी कोई संतान न थी, इसलिए उसने अपनी छोटी बहिन घुसमा को अपने घर लायी और अपने पति के साथ विवाह कर दिया | घुसमा शिव क़ी बहुत बड़ी उपसाक थी | घुसमा से संतान उत्पत्ति हुई | पति का झुकाव घुसमा और बच्चे क़ी तरफ देखकर, सुदेवा को जलन होने लगी | एक दिन उसने बच्चे के छोटे छोटे टुकड़े कर पास की नदी में फेक दिया | घुसमा ने एक पत्थर को शिवलिंग का रूप मानकर घोर तपस्या क़ी | शिव जी प्रसन्न हुए और घुसमा को दर्शन दिए |घुसमा ने देखा, उनका पुत्र नदी के उस तरफ खडा है | तभी से लोग घुसमा द्वारा पूजे गए शिवलिंग को घुस्मेश्वरनाथ या घुइसरनाथ के नाम से जानने लगे |

(यह उपरोक्त कहानियां, वहाँ आस पास निवास करने वाले लोगो से प्राप्त की गयी है )